हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): कोरोना काल के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी हापुड़ के अधीन खरीदी गई औषधियों व चिकित्सा उपकरणों की खरीद व भुगतान में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार की बदबू आ रही है। हापुड़ उपभोक्ता मंच ने प्रदेश सरकार से किसी एजेंसी से औषधियों व चिकित्सा उपकरणों की खरीद में भुगतान की जांच की मांग की है।
उत्तर प्रदेश शासन का स्पष्ट निर्देश है कि सभी सामग्री जेम पोर्टल के माध्यम से खरीद की जाएं यदि जेम पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है तो विभागाध्यक्ष स्वयं प्रमाणित करेंगे कि अमुक वस्तु जेम पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है। इसके बाद ही वह सामग्री ई-टेंडर के माध्यम से खरीदी जाएगी। मजे की बात यह है कि कोरोना काल में चिकित्सा विभाग हापुड़ में शासन देशों का उल्लंघन कर खुले बाजार में कई गुना दामों पर चिकित्सा औषधी व उपकरणों की खरीदी की गई और भुगतान किया गया जिसमें करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार की बदबू आ रही है। मजे की बात यह है कि जिलाधिकारी द्वारा गठित जनपदीय निविदा समिति भी इस भ्रष्टाचार को नहीं रोक पाई और भुगतान कर दिए गए।
बता दें कि कोरोना काल के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी हापुड़ के अधीन जनपद चिकित्सा इकाइयों हेतु उपकरण, फर्नीचर, स्कूली बच्चों व वृद्धाजन हेतु चश्मे, कोविड-19 में औषधि व उपकरण, स्टेशनरी, राष्ट्रीयता अन्धता निवारण के तहत औषधि, व अन्य सामग्री की खरीद हुई है।
हापुड़ उपभोक्ता मंच के अध्यक्ष लोकेश सिंघल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनका ध्यान इस ओर आकर्षित किया है कि जनपद हापुड़ के चिकित्सा विभाग ने कोरोना काल में करोड़ों रुपए की चिकित्सा औषधी व उपकरण बिना टेंडर के खुले बाजार से कई गुना दामों पर खरीद की है। और भुगतान भी कर दिया गया है इस खरीद व भुगतान में भारी भ्रष्टाचार हुआ है मंच ने पूरे प्रकरण की जांच किसी भ्रष्टाचार निवारण एजेंसी से कराने की मांग की है।
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