णमोकार महामंत्र जाप से कष्टों का निवारण
हापुड,सीमन/सुरेश जैन (ehapurnews.com): जैन मुनिराज सुदर्शन जी महाराज के शिष्य नरेंद्र जी महाराज ने बृहस्पतिवार को श्री श्वेतांबर जैन मन्दिर, दादावाडी हापुड में जैन धर्म के भक्तों को प्रवचन देते हुए कहा कि तीन प्रकार के मनुष्य होते हैं। प्रथम सौभाग्यशाली जिन्हें धन ,सम्पदा, पद, सम्मान प्राप्त है किन्तु स्वस्थ नही है दूसरे वे जिन्हें धन, सम्पदा, पद,सम्मान के साथ साथ उत्तम स्वास्थ्य भी प्राप्त है,तीसरे वे है जिन्हें धन, सम्पदा, उत्तम स्वास्थ्य के साथ साथ गुरुओं का सानिध्य, उनसे वार्तालाप, धर्म ज्ञान का सौभाग्य भी मिला है, तीसरे प्रकार के मनुष्य सर्वश्रेष्ठ है। हमें इसी श्रेणी मे पहुंचने का प्रयास करना है।जिनवाणी जैन धर्म का सार है। णमोकार महामंत्र के लेखन व जाप से मनुष्य की सभी बीमारिया व कष्ट दूर होते है।काम,क्रोध, लोभ, मोह चार कषाय है जो आत्मा के गुणो को नष्ट कर देते है। हमे धर्म के अनुसरण से इन पर विजय पानी है। नरेंद्र कुमार जैन, विजय जैन, मनोज जैन, सजीव जैन, भुवन जैन, अनिल कुमार जैन, अशोक जैन, सुशील जैन, सुरेश चन्द जैन पत्रकार, नीतू जैन, रजना जैन, बबीता जैन सहित जैन समाज के अनेक भक्तजन उपस्थित थे।
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