Sunday, December 22, 2024
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दशहरा पर्व पर कवियों ने जीता श्रोताओ का दिल










दशहरा पर्व पर कवियों ने जीता श्रोताओ का दिल
हापुड सीमन (ehapurnews.com): विकास ग्लोबल स्कूल एंड डिफेंस अकादमी के तत्वावधान में शनिवार को आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी कविता,गीत गजलों से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया ।
स्कूल की प्रधानाचार्या वर्षा तेवतिया ने कवियों का पटका ,पुष्पगुच्छ,एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।
मां शारदे की वंदना के पश्चात कवयित्री डा आराधना बाजपेई ने पढ़ा,
“बीस भुजाएं शेष हैं,
शेष आज भी शीश!
ठट्टा मारे हंस रहा,
जीवित है दसशीश!!”
पिलखुवा से पधारे कवि डा सतीश वर्धन ने पढ़ा,”जीना मुश्किल हो गया है आज के परिवेश में।
ज्यादा घृणित और घिनौना घट रहा है देश में।।
बुलबुल जैसी बेटियों की हम स्वयं रक्षा करें।
बाज भी कुछ घूमते हैं आदमी के वेश में।।
मंच का संचालन करते हुए कवि डा अनिल बाजपेई ने पढ़ा,घर घर जिसके कृत्य की
होती जी भर निंदा है!
जन्मों से पुतला फुंक रहा
फिर भी रावण जिंदा है!!
बीस भुजा सारी कटीं,
सिर भी बचे न शेष!
हम लोगों पर आज भी,
हंसता है लंकेश!!
धौलाना से पधारे ओजस्वी कवि राजकुमार सिसोदिया ने पढ़ा,बेटो को पढ़ाया कैसे नौकरी लगाया कैसे,
पेंट काट काट मैंने जोडी पाई पाई है।
विवाह रचाया ऐसे ख़ुशी हुए कैसे कैसे,
बहू को भी बेटी माना सीने से लगायी है।
ज्यो ज्यो दिन बीत रहे बेटे हमसे खीझ रहे,
बातें खोजें रोज कछु हाथ नहीं आयी हैं।
जिन्हें न होंने दिया ह्रदय से दूर कभी उन्ही ने निकाली घर के बाहर चारपाई है।
विकास ग्लोबल स्कूल की प्रधानाचार्य वर्षा तेवतिया ने पढ़ा,”क्रोध की अग्नि को सब्र बना ,
मैने श्रृंगार बना डाला ,
टूटे सहमे दिल को जोड़ा
हिम्मत की पतवार बना डाला ,
आंखों में मेरी अब खौफ नहीं,
काजल से इन्हें सजा डाला
पैरों की झांझर को मैने ,
जीत का उद्घोष बना डाला!
नोएडा से पधारे हास्य कवि विनोद पांडेय ने पढ़ा,है बड़ी मुश्किल से देखो पांव पर अपने खड़ा
पर सभी तिकड़म लगा कर वो है उड़ने पर अड़ा
चार बीघा थी ज़मीं पर बाप निर्धन हो गया
दो बीएचके फ्लैट लेकर बन रहा बेटा बड़ा
मेरठ से पधारे कवि चंद्र शेखर मयूर ने पढ़ा,घर में बेटी हुई कोई गम तो नहीं।
आंखें मेरी हुई कोई नम तो नहीं।
गर्व से सर उठाकर ये कहता हूं मैं।
बेटियां मेरी बेटों से कम तो नहीं।
स्कूल के प्रबंधक विकास तेवतिया ने सभी कवियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि साहित्य एक ऐसा माध्यम है जो लोगों को प्रेरित करने का काम करता है कवि और साहित्यकार समाज के मार्गदर्शक हैं।
इस अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य लोक के पदाधिकारियों ने प्रधानाचार्य वर्षा तेवतिया एवं अध्यक्ष विकास तेवतिया को सम्मानित किया।

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