दो बार बिक चुकी मोनाड यूनिवर्सिटी 2011 में हुई थी क्रियाशील, 14 वर्षों में जारी डिग्रियों की होगी जांच

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दो बार बिक चुकी मोनाड यूनिवर्सिटी 2011 में हुई थी क्रियाशील, 14 वर्षों में जारी डिग्रियों की होगी जांच

हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): जनपद हापुड़ के पिलखुवा के अनवरपुर में स्थित मोनाड विश्वविद्यालय शुरू से ही दागदार रहा है। यहां से अब तक जितनी भी डिग्री, सर्टिफिकेट, डिप्लोमा जारी हुए हैं उन सभी की जांच होगी। 2011 से ही मोनाड यूनिवर्सिटी क्रियाशील हुआ था। 2022 में विजेंद्र सिंह ने विश्वविद्यालय को खरीदा था। छात्रवृत्ति घोटाले के साथ-साथ कई विवादों से इस यूनिवर्सिटी का पुराना नाता है। यह यूनिवर्सिटी दो बार बिक चुकी है। यूनिवर्सिटी आखिर क्यों बिकी? इसकी भी जांच की जाएगी।

यूनिवर्सिटी से डिग्री हासिल करने वाले इन दिनों देश-विदेश के विभिन्न कोनों में निजी तथा सरकारी नौकरी कर रहे हैं जिनकी डिग्रियों की भी जांच होगी। 14 वर्षों में जितनी भी डिग्रियां यहां से जारी की गई है। उन सभी की जांच होगी। साथ ही यह भी जांच का विषय है कि आखिर इस यूनिवर्सिटी को दो बार बेचा क्यों गया?

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