हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): मोनाड विश्वविद्यालय में किए गए फर्जीवाड़े की परत दर परत खुलती जा रही है। नकली मार्कशीट और डिग्री की छपाई के लिए पेपर की सप्लाई दिल्ली से की जाती थी। पेपर सप्लाई करने वालों के टीम बेहद नजदीक पहुंच चुकी है। एसटीएफ की टीम अब दो आरोपियों तक पहुंची है। उनसे पेपर सप्लाई की पूछताछ की जा रही है। दिल्ली से सप्लाई किया जाने वाला पेपर असली मार्कशीट डिग्री के कागज के साथ मिलान करके सप्लाई की जाती थी जो दिखने में बिल्कुल असली लगता था। पेपर का ऑर्डर भी मोबाइल पर कोड वर्ड के माध्यम से दिया जाता था जिसे सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया जाता था।
एसटीएफ पुलिस के साथ मिलकर फर्जीवाड़े की हर गुत्थी को सुलझा रही है। फर्जी शैक्षिक कागजात की छपाई में सबसे महत्वपूर्ण यह था कि पेपर कहां से मिलता था? फर्जी डिग्री मार्कशीट में सबसे बड़ा खेल पेपर और फॉन्ट का होता है। नौकरी के लिए आवेदन करते समय अधिकारी सबसे पहले पेपर और फॉन्ट की जांच करते हैं। विजेंदर ने इन दोनों को ऐसा तैयार किया था कि किसी को शक ना हो। एसटीएफ की टीम ने पेपर को स्पर्श करके मोड़कर और प्रकाश की लाइट डालकर देखा लेकिन उसमें कोई ऐसा अंतर नहीं मिला जिससे यह पता चल सके कि पेपर नकली है। दो आरोपियों तक टीम पहुंच गई है।
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