हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): मोनाड विश्वविद्यालय में एसटीएफ की टीम ने छापामार कार्रवाई के दौरान अवैध मार्कशीट बनाने के धंधे का खुलासा किया था। मामले में आरोपी अभी जेल में है जो बाहर आने के लिए तड़प रहे हैं। फिलहाल आरोपी अभी जेल में ही रहेंगे क्योंकि उनकी जमानत याचिका को कोर्ट निरस्त कर चुकी है जिससे सभी आरोपियों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी जेल में करवटें बदल रहे हैं। मोनाड विश्वविद्यालय के फर्जीवाड़े में शुक्रवार को जनपद न्यायाधीश अजय कुमार द्वितीय ने शुक्रवार को नौ आरोपियों के जमानत प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया था जबकि मुख्य आरोपी विजेंद्र सिंह हुड्डा की जमानत याचिका बुधवार को खारिज की जा चुकी है। जिला शासकीय अधिवक्ता गौरव नगर ने बताया कि शुक्रवार को अभियुक्त अनिल बत्रा, नितिन कुमार, सन्नी कश्यप, इमरान, विपिन चौधरी, कुलदीप सिंह, गौरव शर्मा, संदीप कुमार सहरावत, मुकेश ठाकुर की जमानत याचिका पर जनपद न्यायाधीश ने अपने आदेश जारी किए हैं।
दरअसल मोनाड यूनिवर्सिटी में एसटीएफ ने छापामार कार्रवाई के दौरान फर्जी मार्कशीट, प्रपत्र, डिग्री बेचने का खुलासा किया था। इसके बाद टीम ने मालिक विजेंद्र सिंह हुड्डा समेत 10 आरोपियों को जेल भेज दिया था। आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश्य से आरोपी अवैध धंधे को अंजाम दे रहे थे जो जेल से बाहर आने के लिए तड़प रहे हैं। जेल में बंद आरोपियों की जमानत याचिका को निरस्त किया गया है।
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