हापुड़,सीमन /सुरेश जैन (ehapurnews.com): हापुड़ के आदिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर कसेरठ बाजार में चल रहे पर्यूषण पर्व के दूसरे दिन धर्म के दूसरे लक्षण उत्तम मार्गव धर्म पर विस्तार से चर्चा की गई। जैन सन्त शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज के शिष्य पंडित प्रवीण ने कहा कि मार्गव का अर्थ मृदुता से है। मृदुता का भाव मानव को नम्र, कोमल, दयालु बनाता है, मन में अहम भाव धारण न करे,अहंकारी मनुष्य बड़ी बड़ी बातें करता है जिनका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं होता, वह सदैव अपनी प्रशंसा ही करता रहता है। मृदुता का भाव मानव को ऊंचा उठाता है। हमें जीवन में मृदुता के भाव को अपनाना चाहिए। प्रातःकाल शान्ति धाराअभिषेक सिंचन किया गया। कल प्रारम्भ हुआ तीर्थंकर विधान शनिवार को भी जारी रहा।जैन धर्म के अनुयायियों ने करोना नियमों का पालन करते हुए विधान पाठ में बैठकर पूजा अर्चना की। विधान पाठ की पूजा को पंडित प्रवीण ने सम्पन्न कराया। संगीतकार विकास भारद्वाज ने संगीत से विधान की शोभा बढाई। कोषाध्यक्ष सुखमाल जैन, महामंत्री अशोक जैन, अध्यक्ष राजेश जैन, सरोज जैन, रेणुका जैन, मन्जू जैन, रेखा जैन, निशा जैन, अनिल जैन, विकास जैन, अंकुर जैन, सुरेश जैन, तुषार जैन आदि उपस्थित थे।
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