हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): पिछड़े इलाकों व गांव-गांव में बिजली पहुंचाने का लगातार दावा किया जा रहा है। लेकिन कहीं भी ये नहीं कहा जा रहा कि इस बिजली की वोल्टेज कितनी होगी? कोई इस बात का जिक्र कभी नहीं करता कि लाइट कितने देर आएगी? आप सोच रहे हैं कि आखिर हम ये बात क्यों कर रहे हैं? तो आपको बतादें कि अभी भी कुछ ऐसे इलाके हैं जहां बिजली तो पहुंच गई है लेकिन वोल्टेज लो होने के कारण यह बिजली न होने के ही बराबर है।
जी हां… जनपद हापुड़ के कस्बा पिलखुवा के मौहल्ला बीचपट्टी में लोग बिजली को लेकर अधर में लटके हुए हैं। यहां घर-घर बिजली तो है लेकिन लो वोल्टेज होने के कारण उसका होना और न होना बराबर है। यहां के निवासियों ने कई बार इसकी शिकायत की लेकिन किसी भी अधिकारी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।
हालांकि जब बिजली विभाग के अधिकारियों से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह तो संभव ही नहीं है। वहीं दूसरी ओर स्टैबलाइजर में दिख रही वोल्टेज असंभव को संभव करने पर बल दे रही है।
यह मामला नया नहीं है बल्कि लो वोल्टेज की समस्या लोगों को पिछले कई साल से हो रही है। साल 2020 में मौहल्ले वासियों ने पहली बार शिकायत पत्र लिखकर और सोशल मीडिया के माध्यम से अधिकारियों की नींद खोलनी चाही लेकिन दफ्तर में ऐसी की हवा लेने वाले सरकारी नुमाइंदों को क्या फर्क पड़ता है। उन्हें क्या चिंता की किसी को इस भीषण गर्मी में पंखा तक नसीब नहीं हो रहा है। वहीं यहां लटके जर्जर तार विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों की कार्यशाली को चीख-चीखकर बया कर रहे हैं।
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