कांवड़ यात्रा पर रहेगा प्रतिबंध, उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई

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  • फाइल फोटो

हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): यदि भगवान शिव के भक्तों में हरिद्वार, गौमुख व पौराणिक तार्थस्थल गढ़मुक्तेश्वर के बृजघाट गंगा तट से जल लाकर भोले का जलाभिषेक करने की इच्छा मन में पनप रही है तो इस बार वे कोविड-19 खतरे को देखते हुए अपनी इच्छा का दमन कर लें और घर पर रह कर भगवान शिव की अराधना करें।

उत्तराखंड सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड-19 वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कांवड़ यात्रा को प्रतिबंधित किया है। इसके साथ ही कांवड़ियों की सेवा में कांवड़ शिविर लगाने वाले सामाजिक संगठनों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं और प्रशासन को कांवड़ शिविर न लगाने का आश्वासन दिया है। (ehapurnews.com)

जनपद हापुड़ में पौराणिक तीर्थ स्थल गढ़मुक्तेश्वर स्थापित है और चंद कि. मी. की दूरी पर बृजघाट स्थित है। प्रत्येक वर्ष जनपद हापुड़, अमरोहा व मुरादाबाद के लाखों कांवड़िए बृजघाट गंगा तट से गंगाजल लाकर अपने-अपने इलाके में भगवान शिव का अभिषेक करते हैं।

जिला प्रशासन ने बृजघाट गंगा तट पर कड़े सुरक्षा प्रबंध किए हैं। यदि कोई भी शिवभक्त बृजघाट गंगा तट पर स्नान करते हुए अथवा गंगा जल भरते हुए पकड़ा जाएगा। उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जनपद हापुड़ में धारा-144 लागू है। (ehapurnews.com)

उत्तराखंड सरकार भी सख्त:

हरिद्वार प्रशासन ने तो घोषणा कर दी है कि यदि कोई हरिद्वार मे गंगाजल भरते हुए पकड़ा जाएगा तो उसको 14 दिन के लिए क्वारंटाइन कर दिया जाएगा। कांवड़ियों को राज्य सीमा पर ही फैसिलिटी क्वारंटाइन कर दिया जाएगा। यही नहीं क्वारंटाइन का पूरा खर्च भी कांवड़ियों से वसूला जाएगा।

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