हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): राष्ट्रीय राजधानी एवं आसपास के क्षेत्रों में उद्योगों की समस्याओं के समाधान हेतु आई0आई0ए0 द्वारा सरकार को ज्ञापन।
1 अक्टूबर से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में उद्योगों के समक्ष खतरा।
. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबन्धन आयोग (CAQM) के निर्देशों से उद्योगों में भय व्याप्त।
आने वाले शीतकालीन मौसम में राष्ट्रीय राजधानी एवं आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की समस्या विगत अनेक वर्षो से व्याप्त है जिसका मुख्य कारण सड़कों से उड़ने वाली धूल, गाड़ियों से उत्पन्न धुआं और घरों से जलने वाले ईधन का धुआं होता है जो PM 2.5 प्रदूषण के लिए 69% प्रभाव रखता है। उद्योगों का इसमें केवल 11% का योगदान होता है।
इण्डियन इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन (आई0आई0ए0) सभी उद्यमियों एवं सरकार के साथ मिलकर इस 11% भाग को भी कम करने के लिए प्रयासरत है। जिसके लिए आई0आई0ए0 द्वारा वायु गुणवत्ता प्रबन्धन आयोग, दिल्ली, मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त उ0प्र0 एवं अपर मुख्य सचिव, एमएसएमई उत्तर प्रदेश को सूचित किया है कि यद्यपि वायु प्रदूषण में उद्योगों का योगदान बहुत कम है फिर भी आई0आई0ए0 एवं उद्यमी इसे और कम करने के लिए कृत संकल्प है यदि उद्योगों की कुछ व्यवहारिक कठिनाईयों का समाधान करने में सरकार सहयोग करे। उद्योगों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या अपने डीजल जनरेटरों को CAQM के निर्देशानुसारडयूलफ्यूलमोड में बदलने की है जिसके लिए 7 लाख रुपये से लेकर 20 लाख रुपये का खर्च आता है जिसे लघु उद्योगो द्वारा वहन करना सम्भव नही है।
इस परिस्थिति में निर्बाध विद्युत सप्लाई नही मिलने के कारण उद्योगों में कुछ समय के लिए डीजल जनरेटर चलाना मजबूरी हो जाता है। इसके अतिरिक्त यदि उद्योग अपने ईंधन को गैस में परिवर्तित करना भी चाहे तो गैस की कीमत बहुत अधिक है। इन परिस्थितियों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी उद्योगों को बन्द करने के आदेश जारी कर देते है।
इस समस्या के समाधान हेतु आई0आई0ए0 के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नीरज सिंघल, द्वारा CAQM एवं उत्तर प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि उपरोक्त परिस्थिति में उद्योगों को बन्द करना समस्या का समाधान नही है, क्योंकि इससे बेरोजगारी बढ़ेगी और काफी आर्थिक नुकसान भी होगा जिससे उद्यमियों और सरकार दोनों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी। अतः समस्या के समाधान हेतु CAQM और प्रदेश सरकार को निम्नलिखित सुझाव राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नीरज सिंघल द्वारा प्रस्तुत किये गये है:-
1. यदि किसी भी कारण से उद्योगों से वायु प्रदूषण होता पाया जाता है तो समूचे उद्योग को बन्द न कर कर जिस उपकरण (मशीन से वायु प्रदूषण) हो रहा है (Point of Source) को ही केवल बन्द किया जाए।
2. उद्योगों को निर्बाध विद्युत सप्लाई सुनिश्चित की जाए।
3. (PNG) गैस को जीएसटी के दायरे में लाया जाए अथवा इस पर लगने वाले वैट को कम किया जाए। 4. क्योंकि समूचे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिल्ली में मापे जाने वाले एयरकवालिटीइण्डेक्स (AQI) स्तर के आधार पर कार्यवाही की जाती है और उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय राजधानी के अनेक क्षेत्रों में AQI कम होता है इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष आई0आई0ए0 द्वारा सुझाव दिया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अन्तर्गत विभिन्न शहरो/ क्षेत्रों में एयरकवालिटीसेसर नेटवर्क की स्थापना की जाए और स्थानीय AQI स्तर के आधार पर ही CAQM के निर्देश लागू किये जाए |
5. आई0आई0ए0 ने यह भी सुझाव दिया है कि यदि ताजमहल को प्रदूषण के प्रभाव से मुक्त करने के लिए आगरा में उद्योगों को गैस पर सब्सिडी उपलब्ध करायी जा रही है तो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोगों तथा उद्योग हित में इस क्षेत्र के उद्योगाने को भी गैस सब्सिडी उपलब्ध करायी जाए। ताजमहल तो केवल एक बिल्डिंग जिसके संरक्षण हेतु सब्सिडी दी गई है, पर यहाँ दिल्ली एनसीआर और इसके आसपास के उद्योगों और इससे जुड़े मानव जाति का सवाल है, अतः सब्सिडी अवश्य ही उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
6. आई0आई0ए0 द्वारा डीजल जनरेटरों में डीजल के स्थान पर बायोडीजल के उपयोग की अनुमति देने की भी मॉग CAQM और सरकार से की है क्योंकिवायो डीजल स्वच्छ ईधन है जो दुनिया के अनेक देशों में उपयोग किया जा रहा है तथा इसके उपयोग के लिए वर्तमान डीजल जनरेटरों में खास परिवर्तन भी नही करने होंगे।
7. डीजल जेनेरेटरों में परिवर्तन हेतु लगने वाले उपकरणों को MSME स्कीम के तहत सब्सिडी दिया जाये जिससे सुक्ष्म एवं लघु उद्योग जल्दी से जल्दी डीजल जेनेरेटरों को परिवर्तित करा सकें।























