हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): दहेज के लालच की मांग पूरी न होने पर पत्नि को मौत के घाट उतारने वाले पति को न्यायालय ने प्रथम आजीवन कारावास व 20 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुना और साक्ष्य के आधार पर महिला की हत्या के लिए पति को दोषी माना और उक्त निर्णय दिया।
जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) गौरव नागर ने बताया कि कोतवाली हापुड़ नगर क्षेत्र के मोहला सादकपुरा मीनाक्षी रोड निवासी अनीता आनंद ने थाना बहादुरगढ़ में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि पीड़िता की बहन गीत की शादी 6 मार्च 2007 को ग्राम गंदू नगला हाल निवासी ग्राम हसनपुर कदीम वाना भाषन्त्पुर मिला मेरठ निवासी धमेन्द्र के साथ पीड़िता का बहनोई उसकी वाहन के ससाथ शुरू सेशी मारपीट करता रहा और की मांग करता है।
अनेकों बार ग्राम की पंचायतों ने उसे समझाने की काफी कोशिश की, लेकिन वह समझाने को तैयार नहीं हुआ और आए दिन दहेज की मांग एवं मारपीट करता रहा। इसी दौरान ग्राम हसनपुर की निवासी एक लड़की से उसके बहनोई का प्रेम प्रसंग हो गया था उसके अत्याचारों की सीमा बढ़ती चली गई। कई बार पीड़िता का बहनोई व उसकी प्रेमिका ने पीड़िता की बहन को मारने की कोशिश की। दोनों प्रेमी प्रेमिका तलाक के लिए दबाव बनाते गो। पिछले कई दिनों से पीड़िता का वहनोई साजिश के तहत अपने पैतृक गांव गन्दू नंगला आया हुआ था तथा उसकी बहन को मारने की साजिश किए हुए थे। इसी साजिश के तहत प्रार्थनी के बहनोई उसको वहन व अन्य परिवार के सदस्यों ने आरोपी प्रेमिका के उकसावे में आकर साजिश करके पीड़िता को बहन को किसी कपड़े से गला दबाकर हत्या कर दी।
30 अप्रैल 2022 की सुबह करीब 7-8 बजे पीडित को एक फोन नंबर से कॉल आई। जिसपर बताया गया कि उसकी बहन को किसी जहरीले सांप ने काट लिया है उसको तबियत खराब है। पीड़िता अपने परिवार के सदस्यों के साथ ग्राम भन्दू नंगला आऊ ती आकर देखा उसकी बहन मरी पड़ी है तथा उसके गले पर किसी कपडे के निशान हैं तथा उसको गर्दन पर नील के निशान पड़े हैं। पीड़िता की तहरीर पर बहादुरगढ़ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले को जांच शुरू करी। जिला शासकीय अधिवक्ता गौरव नागर ने बताया कि इस मुकदमें को सुनवाई के दौरान पोस्टमार्टम रिपोर्ट से और मृतका के शव के आधार पर न्यायालय इस निर्णय पर पहुंची की मृतका को मृत्यु उसके ससुराल पक्ष द्वारा बताए गए समय से काफी घंटे पहले हो चुकी थी। जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) गौरव नागर ने बताया कि इस मुकदमे की सुनाई करते हुए जनपद न्यायाधीश मलखान सिंह ने अभियुक्त धर्मेन्द्र को धारा-302 भा.द. संमें सश्रम आजीवन कारावास तथा बीस हजार रूपये के अर्थदंड से चंडित किया है। अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्त एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतेगा। वहीं न्यायालय ने अभियुक्त धर्मेंद्र को प्रेमिका संदेश का लाभ देते हुए दोष मुक्त कर दिया है।
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