हिन्दी विश्व की समृध्दतम भाषाओं में से एक
हापुड़, सीमन/संजय कश्यप (ehapurnews.com): हिन्दी दिवस के अवसर पर एस.एस.वी. (पी.जी.) कॉलेज में गुरुवार को एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।संगोष्ठी में छात्रों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में हिन्दी की संवैधानिक स्थिति, मातृभाषा एवं राजभाषा सम्बन्धी प्रयोजनों पर वक्ताओं ने विचार व्यक्त किये।
हिन्दी विभागाध्यक्षा डॉ. कल्पना सिंह ने हिन्दी की बहुप्रयोजनता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिन्दी विश्व की समृद्धतम भाषाओं में से एक है। यह एक ऐसी भाषा है, जिसके पास अपार शब्द-भंडार है, रचनाकारों की एक महनीय परम्परा है तथा एक विशाल साहित्य संसार है ।मानव जीवन के सभी आयामों को हिन्दी द्वारा पूरा किया जा रहा है। हिन्दी के रचनाकारों ने ओजस्वी रचनाओं के माध्यम से देशभक्ति की ज्वाला को प्रखर रखने का कार्य किया है। इसके साथ ही हिन्दी पत्रकारिता का योगदान भी स्वयं में अविस्मरणीय है।
डॉ. राकेश विश्वकर्मा ने कहा कि हिन्दी विश्व में बोली जाने वाली सर्वश्रेष्ठ भाषाओं में तृतीय स्थान पर है। हिन्दी में भाव-सम्प्रेषण सर्वाधिक सुगम है। हिन्दी भाषा की बहु-आयामवादिता ही उसे विश्व की अन्य भाषाओं से विलग एवं सर्वश्रेष्ठ दर्शाती है। हिन्दी के विकास-क्रम की यात्रा एवं वर्तमान परिदृश्य में हिन्दी के प्रयोग से सम्बद्ध चर्चाओं से उन्होंने हिन्दी की महत्ता को छात्र – छात्रों के सामने प्रस्तुत किया।
विभाग में कार्यरत अंशकालिक प्राध्यापकों खड़ग प्रताप सिंह एवं खुशनुमा सैफी ने भी हिन्दी भाषा की उपादेयता एवं प्रयोजनमूलकता पर अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में एम.ए. हिन्दी के छात्र रिंकी, रिशु सिंह, पारुल, आकांक्षा, आशीष आदि ने भी हिन्दी दिवस के सफल आयोजन में महती भूमिका अदा की।