Thursday, November 21, 2024
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स्वास्थ्यकर्मी बने निक्षय मित्र, 17 क्षय रोगी गोद लिये








स्वास्थ्यकर्मी बने निक्षय मित्र, 17 क्षय रोगी गोद लिये

– टीबी यूनिट धौलाना पर प्रदान किया गया पुष्टाहार
– परिजनों की टीबी जांच कराने के लिए किया प्रेरित

हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): हापुड़/ धौलाना, 02 मार्च, 2024। धौलाना टीबी यूनिट पर कार्यरत स्वास्थ्यकर्मी टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में दोहरी जिम्मेदारी निभाएंगे। स्वास्थ्य कर्मियों ने खुद निक्षय मित्र बनकर ऐसा करने का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य कर्मियों ने शनिवार को 17 क्षय रोगियों को गोद लेकर पुष्टाहार प्रदान किया। उन्होंने क्षय रोगियों को अपने सभी परिजनों की टीबी जांच कराने और नियमित रूप से दवा के साथ उच्च प्रोटीन युक्त पौष्टिक आहार का सेवन करने के लिए भी प्रेरित किया। साथ ही गोद लिए गए क्षय रोगियों को किसी भी तरह की परेशानी होने पर सीधे उनसे संपर्क करने के लिए कहा। इससे पहले भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), धौलाना पर तैनात चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी अपने काम के साथ-साथ निक्षय मित्र की भूमिका निभा चुके हैं।
वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक (एसटीएस) संगीता अरोड़ा, लैब टेक्नीशियन मनीष कश्यप, टीबीएचवी नंदकिशोर और ट्रीटमेंट सपोर्टर राजेंद्र एवं नसरीन ने टीबी यूनिट धौलाना के 17 क्षय रोगियों को गोद लिया है। शनिवार को इन सभी रोगियों को टीबी यूनिट पर आयोजित एक संक्षिप्त कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य ‌कर्मियों ने अपने कर कमलों से पुष्टाहार प्रदान किया। सभी से नियमित रूप से दवा खाने के बारे में जानकारी ली गई।
एसटीएस संगीता अरोड़ा ने क्षय रोगियों को बताया- नियमित रूप से दवा और उच्च प्रोटीन युक्त आहार के सेवन से टीबी पूरी तरह ठीक हो जाती है। एक भी दिन दवा खाने में चूक न करें। उन्होंने बताया – पल्मोनरी टीबी (फेफड़ों की टीबी) संक्रामक होती है। यह सांस के जरिए फैलती है। इसलिए पल्मोनरी टीबी के रोगी अपने सभी परिजनों की टीबी जांच अवश्य कराएं, ताकि यदि कोई परिजन संक्रमण की चपेट में आया हो तो उसका समय पर उपचार शुरू हो सके।
जिला पीपीएम समन्वयक सु्शील चौधरी ने बताया – सीएमओ डा. सुनील कुमार त्यागी और डीटीओ डा. राजेश सिंह के निर्देशन में जनपद में सभी क्षय रोगियों को निक्षय मित्र उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में समाज सेवियों, चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा भी क्षय रोगियों को गोद लिया जा रहा है। निक्षय मित्रों से मिलने वाले भावनात्मक और सामाजिक सहयोग से क्षय रोगियों को नियमित उपचार के लिए संबल मिलता है और निय‌मित उपचार से टीबी पूरी तरह ठीक हो जाती है।

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