क्या मदन चौहान के बसपा में जाने से बदले हैं समीकरण?

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हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर के कद्दावर नेताओं में से एक मदन चौहान ने बसपा का दामन थाम लिया जिसके बाद बुधवार को उन्हें बसपा से हाजी आरिफ का टिकट काटकर प्रत्याशी घोषित किया गया। मदन चौहान के बसपा में शामिल होने से कई सियासी समीकरण बदल गए हैं।
बता दें कि मदन चौहान एनडी तिवारी की पार्टी से 25 साल पहले गढ़ विधानसभा से चुनाव लड़े थे लेकिन उस समय उन्हें हार का सामना करना पड़ा था जिसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थामा और 2002 से तीन बार लगातार विधायक बने जिसके बाद उन्हें ढाई वर्ष के लिए मनोरंजन कर मंत्री भी बनाया गया। साल 2017 में भाजपा की लहर के दौरान मदन चौहान तीसरे नंबर पर रहे। 2022 में 10 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते सपा ने मेरठ के पूर्व सांसद हरीश पाल की पुत्रवधू नैना सिंह को गढ़ से मैदान में उतारा है जिससे मदन चौहान नाराज होकर बुधवार को बसपा में शामिल हो गए।
बसपा ने गढ़ से घोषित प्रत्याशी हाजी आरिफ का टिकट काटकर मदन चौहान को प्रत्याशी बनाया है जिससे सियासी समीकरण काफी हद तक बदल गए हैं। बताते चलें कि 2017 से चुनाव हारने के बाद मदन चौहान ने लोगों से संपर्क साध कर अपनी जबरदस्त पकड़ बनाई। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि सपा उन्हें फिर से मैदान में उतारेगी लेकिन नैना सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने से नाराज मदन चौहान ने बसपा का दामन थाम लिया।

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