हापुड़ आएं,मां चंडी के दर्शन करना न भूलें-जानें क्यों

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हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): गुड़ व खाद्यान्न के लिए मशहूर तथा पापड़ नगरी के रूप में विख्यात हापुड़ नगर के मध्य में मां चंडी की एक ऐसी सिद्धपीठ स्थापित है जिसके दर्शन कर हजारों श्रद्धालु सुख व आनंद की अनुभूति अनुभव करते हंै। इस सिद्धपीठ का नाम श्री चंडी मंदिर है।
यदि आप हापुड़ आएं तो मां चंडी के दर्शन करना न भूलें। मां चंडी के दर्शन के बिना आपकी हापुड़ की यात्रा अधूरी है।
आद्य शक्ति मां चंडी का मूल स्वरूप मंदिर परिसर में ही एक तहखाने में विराजित है, किसी महा तपस्वी को ही तहखाने में विराजमान मां चंडी के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हो सका है। अब तहखाने के पट सदैव के लिए बंद किए हुए है। एक भवन में मां चंडी, चांदी की एक पिंडी के रुप में भक्तों को दर्शन दे रही है। पिंडी का रोजाना केसरिया रंग से लैप किया जाता है और मां का भव्य श्रृंगार किया जाता है।

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मां चंडी को कत्था, चूना,गुलकंद, सुपारी,चांदी के वर्क लगे मीठे पान का भोग लगाया जाता है। मां चंडी की प्रात: काल चार बजे मंगला आरती होती है। मां को दूध,दही व गंगाजल से स्नान कराके चोला पहनाया जाता है। दोपहर के वक्त मां चंडी को विश्राम कराया जाता है। सांय पांच बजे मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोले जाते है। रात्रि में मां चंडी की आरती के साथ कपाट बंद हो जाते हंै।
मान्यता है कि मां चंडी के नियमित दर्शन करने से भक्तों की मुरादें पूरी होती है और भक्त मां को श्रृंगार अर्पण करते हंै। छप्पन भोग लगाते हंै तथा भंडारों का आयोजन करते हंै। आद्य शक्ति मां चंडी मंदिर कई दशक पुरानी सिद्धपीठ है।
कैसे पहुंचे-हापुड़ के मध्य स्थित पक्काबाग चौपला से चंडी रोड पर करीब एक फ्र्लाग दूरी पर स्थित है। अपने वाहन अथवा मयूरी से चंडी मंदिर तक पहुंंचा जा सकता है।

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