गढ़: करोड़ों की लागत से लगी ज़ेट्टी बेरीकेडिंग रेत में धंसी, जिम्मेदार कौन?

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गढ़: करोड़ों की लागत से लगी ज़ेट्टी बेरीकेडिंग रेत में धंसी, जिम्मेदार कौन?

हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): जनपद हापुड़ की तीर्थ नगरी गढ़मुक्तेश्वर के ब्रजघाट में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर ज़ेट्टी बैरिकेडिंग लगाई गई थी लेकिन यह जाती बैरिकेडिंग जलस्तर में कमी आने से रेत में धंस गई है। ज़ेट्टी बैरिकेडिंग अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। आम जनता का पैसा अब धूल फांक रहा है। ऐसे में इसका जिम्मेदार कौन है?

आपको बताते हैं कि आखिर माजरा क्या है?:

जनपद हापुड़ की तीर्थ नगरी गढ़मुक्तेश्वर से सैकड़ों श्रद्धालुओं की आस्था जुडी हुई है। वह मोक्षदायिनी मां गंगा में स्नान करने के लिए यहां आते हैं। कई बार तो लाखों श्रद्धालु तीर्थ नगरी पहुंचते हैं जिनकी सुरक्षा के लिए यहां पर ज़ेट्टी बैरिकेडिंग लगाई गई थी। जल में तैरने वाली ज़ेट्टी बैरिकेडिंग एक संकेतक के रूप में भी कार्य कर रही थी जिसके भीतर रहकर ही श्रद्धालु गंगा स्नान कर रहे थे और गहरे जल में जाने से बच रहे थे।

गंगाजल कम होने से फिलहाल ज़ेट्टी बैरिकेडिंग रेत में धंस गई है। मजबूरन श्रद्धालु बैरिकेडिंग पर चढ़कर गंगा स्नान पर जाने को मजबूर हैं। संबंधित विभाग की लापरवाही की वजह से ज़ेट्टी बैरिकेडिंग अब टूटने लगी है। हाल ही में ज़ेट्टी बैरिकेडिंग का कुछ हिस्सा संदिग्ध परिस्थितियों में जल गया था लेकिन कुछ हिस्सा अभी भी बचा है जो कि देखरेख के अभाव में लगातार टूट रहा है और जनता का पैसा बर्बाद हो रहा है। क्षेत्रवाडियो ने बताया कि यहां पर अधिकारी खानापूर्ति करने के लिए आते हैं।

गंगाजल का स्तर काफी कम है जिसकी वजह से तख्त भी मजबूरन रेत में डालने को मजबूर है लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि करोड़ों रुपए खर्च कर ज़ेट्टी रिकॉर्डिंग को लोगों की सुरक्षा के लिए लगाया गया था। अब उसे ही अधिकारियों ने ऐसे ही छोड़ दिया है। मामले में लापरवाह अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।

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