वायदा कारोबार कृषि जिंस उत्पादकों के लिए लाभाकारी

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वायदा कारोबार कृषि जिस उत्पादकों के लिए लाभाकारी

हापुड़, सीमन (ehapurnews.com) : जनपद हापुड़ के ग्रामीण इलाकों में आलू की खुदाई व आलू भंडारण की गति तेजी पकड़ती जा रही है और उम्मीद है कि 15 मार्च तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। आलू की बम्फर फसल होने के कारण आलू में मंदी का रुख बना है।

किसान आलू दिल्ली की मंडी भी ले जाकर बेच रहा है। दिल्ली की मंडी में हापुड़ का आलू 250-300 रुपए प्रति कट्टा (50 किलो) बिक रहा है और तकरीबन हापुड़ मंडी में भी यही भाव आलू का दाम बोला जा रहा है। फुटकर में आलू 10 रुपए प्रति किलो बिक रहा है।

हापुड़ में 14 कोल्ड स्टोर हैं, जहां आलू स्टोर किया जा रहा है। आलू से लदे वाहनों की लाइन शीतगृहों के बाहर लगी है और किसान बेसब्री से अपनी बारी का इंतजार कर रहे। आलू उत्पादक भंडारण को अधिक प्रमुखता दे रहे हैं।

वायदा कारोबार का जन्मदाता हापुड़ के वायदा कारोबारियों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि देश भर के रीजनल वायदा एक्सचेंजों को पुनः चालू किया जाए और आलू वायदा की अनुमति दी जाए। वायदा कारोबार किसान को उसके उत्पाद का सही मूल्य दिलाने में सहायक है।

वायदा कारोबारियों का यह भी कहना है कि कृषि जिंसों के वायदा कारोबार पर नियंत्रण रखने के लिए पूर्व की भांति नियामक की स्थापना की जाए।

बता दें कि पहले कृषि जिंसों पर वायदा कारोबार एफएमसी नियामक की देखरेख में देशभर में संचालित होता था। वर्तमान केंद्र सरकार ने एफएमसी का विलय सेबी में कर दिया। इसके बाद ही वायदा कारोबार गर्त में चला गया और लाखों लोग बेरोजगार हो गए।

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