गर्म हवा व लू से बचाव के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण हापुड ने जारी की एडवाइजरी
हापुड़,सूवि(ehapurnews.com): जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण हापुड द्वारा लगातार बढ़ रही गर्मी, गर्म हवा व लू के प्रकोप से बचाव के उपाय बताए हैं। जिलाधिकारी व अध्यक्षा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण प्रेरणा शर्मा के निर्देशन में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। अपर जिलाधिकारी / प्रभारी अधिकारी देवीय आपदा संदीप कुमार ने बताया कि मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार अगले कुछ दिनों तक अधिक तापमान रहने की संभावना है तथा हीट वेव चलने की संभावना है। ऐसे में हीटवेब (लू) से बचाव के लिए आवश्यक तैयारियां कर ली जाएं तथा बचाव को लेकर जनसामान्य के बीच जागरूता अभियान चलाने के भी निर्देश दिए हैं।
जिला आपदा विशेषज्ञ गजेन्द्र सिंह बघेल ने बचाव के तरीके बताते हुए कहा कि गर्म हवाओं से बचने के लिए खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एलुमिनियम पन्नी , गत्ते इत्यादि से ढककर रखें ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके उन खिड़कियों व दरवाजों पर, जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएं जातीं हैं. काले परदे लगाकर रखना चाहिए। स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान को सुनें और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सजग रहें। आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें। बच्चों तथा पालतू जानवरों को कभी भी बन्द वाहन में अकेला न छोड़ें। जहां तक सम्भव हो घर में ही रहें तथा सूर्य के ताप से बचें। सूर्य के ताप से बचने के लिए जहां तक संभव हो घर की निचली मंजिल पर रहें। संतुलित, हल्का व नियमित भोजन करें। मादक पेय पदार्थों का सेवन न करें। घर से बाहर अपने शरीर व सिर को कपड़े या टोपी से ढककर रखें।
उन्होंने बचाव के बारे में बताते हुए कहा कि धूप में खड़े वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरों को न छोड़ें। खाना बनाते समय घर के खिड़की दरवाजे आदि खुले रखें जिससे हवा का आना जाना बना रहे। नशीले पदार्थों, शराब अथवा अल्कोहल से बचें उच्च प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थों का अधिक अधिक सेवन करें तथा बासी भोजन कतई न इस्तेमाल करें इसके साथ ही संतुलित देव हल्का आहार लें। दोपहर के समय यदि बहुत आवश्यक हो तभी घर से धूप में बाहर निकलें अन्यथा धूप में जाने से बचे और यदि जाना ही पड़े तो सिर को जरूर ढक घर में पेय पदार्थ जैसे लस्सी, छाछ, मट्टा, बेल का शर्बत, नमक चीनी का घोल नीबू पानी या आम का पना इत्यादि का प्रयोग करें। उन्होंने बताया कि अभी आगे गर्मी का प्रकोप और बढ़ेगा इसलिए गर्मी से बचाव के लिए विभिन्न उपायों को अपनाना चाहिए।
कब लगती है लू-
गर्मी में शरीर के द्रव्य बॉडी फ्ल्यूड सूखने लगते हैं। शरीर में पानी, नमक की कमी होने पर लू लगने का खतरा ज्यादा रहता है। शराब की लत, हृदय रोग, पुनरी बीमारी, मोटापा, पार्किंसस रोग अधिक उम्र, अनियंत्रित मधुमेह वाले व्यक्तियों को लू से विशेष बचाव करने की जरूरत है। इसके अलावा डॉययूरेटिक, एंटीस्टिमिनक, मानसिक रोग की औषधि का उपयोग करने वाले व्यक्ति भी लू से सवाधान रहें।
लू के लक्षण-गर्म लाल, शुष्क त्वचा का होना, पसीना न आना, तेज पल्स होना, उल्टे श्वास गति में तेजी, व्यवहार में परिवर्तन भ्रम की स्थिति, सिरदर्द मिचली, थकान और कमजोरी का होना या चक्कर आना, सूत्र न होना अथवा इसमें कमी आदि मुख्य लक्षण हैं। इन लक्षणों के चलते मनुष्या के शरीर के उच्च तापमान से आंतरिक अंगों, विशेष रूप से मस्तिष्क को नुकसान पहुंचता है। इससे शरीर में उच्च रक्तचाप उत्पन्न हो जाता है।
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