भक्तों ने भक्ति वैराग्य आत्म देव की कथा सुनी

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हापुड़, सीमन  (ehapurnews.com) :  इंद्रलोक कॉलोनी में चल रही कथा के द्वितीय दिन पंडित दाऊदयाल जी ब्रजवासी जी ने भक्ति वैराग्य आत्म देव की कथा सुनाई उन्होंने अपनी वाणी की अमृतमय वर्षा करते हुए बताया कि भक्ति हृदय से उत्पन्न होती है। भक्ति करते हुए देखकर हमारे अंदर जो जिज्ञासा उत्पन्न होती है वह संसार मे कही उत्पन्न नहीं होती। व्यास जी ने बताया कि माता पार्वती की जिद पर भगवान शंकर जी ने अमर कथा सुनाई जिस अमर कथा को सुनाने के लिए वो उन्हें एकांत जगह मे ले गए भगवान शंकर ने जब कथा सुनानी प्रारंभ की तो माता पार्वती सो गयी और भगवान शंकर आंखे बंद कर कथा सुनाते रहे और उस कथा को सुख नामक तोते का बच्चा सुनता रहा और हुंकार भरता रहा और कथा सुनकर अमर हो गया व्यासजी ने आगे बताया कि अगर किसी आदमी का विश्वास टूट जाए तो वह आदमी स्वयं टूट जाता है, कथा में चौबीस अवतार की कथा का वर्णन भी किया गया है | व्यास जी कहते है जो व्यक्ती परिक्रमा लगाता है उसका ज्ञान बढ़ता है | जब ठाकुर जी का चिंतन करोगे तो वो दर्शन देने जरूर आएंगे उन्होंने बताया कि आत्मदेव जी की कोई सन्तान नहीं थी एक संत के द्वारा दिये गये फल से सन्तान उत्पन्न हो गयी ,संत जिसको फल स्वरुप ज्ञान देदे उसकी भक्ति कभी खराब नहीं जाती| उन्होंने बताया कि अगर किसी के परिवार में कोई व्यक्ति यदि समय से पहले मर जाये तो उन्हें ठाकुर नाम का उच्चारण करने से शांति मिलती है , वैद्य अपना इलाज स्वयं नहीं कर सकता ,इस मोके पर व्यवस्थापक पं• देशराज ब्रजवासी, पं• जतिन कौशिक, पं• अशोक कौशिक, सुनील कुमार गोयल, भीमा अग्रवाल, तरुण कंसल, रामकुमार गुप्ता, अभिषेक गर्ग, पीयूष अग्रवाल, विकास अग्रवाल, अशोक भगत जी, नरेश कंसल, पूजा अग्रवाल ,रश्मि अग्रवाल, सविता गोयल, सुमन देवी, अनुराधा, डोली, प्रीति, पिंकी, सोनिया, बाला देवी सहित अनेक भक्तगण सम्मिलित रहे |