जीएस मेडिकल कॉलेज में हुई कोर कमेटी की बैठक

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जीएस मेडिकल कॉलेज में हुई कोर कमेटी की बैठक

– ओपीडी, जांच और एनटीईपी स्टाफ की तैनाती पर हुई चर्चा
– पल्मोनरी टीबी रोगियों के संपर्क वालों को टीपीटी देने के निर्देश
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): हापुड़, 26 फरवरी, 2024। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को जीएस मेडिकल कॉलेज में कोर कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में ओपीडी में आने वाले रोगियों की टीबी स्क्रीनिंग और रेफरल के साथ ही जांच और संपर्किंयों (संपर्क वालों) को टीबी प्रीवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) के मुद्दे पर चर्चा हुई।
डीटीओ ने बताया – जनवरी माह से जिले में पल्मोनरी (फेफड़ों की टीबी) टीबी के रोगियों के सभी नजदीकी संपर्क वालों को टीपीटी देनी शुरू कर दी गई है, इससे पहले टीपीटी केवल क्षय रोगियों के परिवार में मौजूद पांच वर्ष तक के बच्चों को दी जाती थी। बता दें कि केवल पल्मोनरी टीबी ही संक्रामक रोग है जो सांस के जरिए फैलता है, इसलिए रोगी के संपर्क में रहने वालों को संक्रमण का खतरा रहता है। बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन की मंडलीय सलाहकार डा. रेणु डोफे, प्रधानाचार्य डा. प्रदीप गर्ग के प्रतिनिधि के रूप में विभागाध्यक्ष (मेडिसिन) डा. एसके गुप्ता और विभागाध्यक्ष (टीबी एंड चेस्ट) डा. लविका लखटकिया ने भाग लिया।
डीटीओ डा. राजेश सिंह ने बताया – ओपीडी में आने वाले सभी रोगियों की टीबी स्क्रीनिंग आवश्यक है। प्रतिदिन ओपीडी में आने वाले रोगियों में पांच प्रतिशत और एकीकृत निक्षय दिवस के मौके पर हर माह की 15 तारीख को आने वाले रोगियों में से 10 प्रतिशत को टीबी जांच के लिए रेफर करना जरूरी है, इसमें कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों से टीबी संबंधी जांचों को निशुल्क करने की सिफारिश कॉलेज प्रबंधन से करने की बात कही। टीबी की फर्स्ट लाइन की जांच हो या फिर एमडीआर की, सभी रोगियों को जांच की निशुल्क सुविधा मेडिकल कॉलेज में दिलाई जाए।
डीटीओ ने पल्मोनरी (माइक्रो बायोलॉजिकल पॉजीटिव) टीबी के रोगियों के सभी संपर्क वालों (बच्चों और बड़ों) को टीबी प्रीवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) दिए जाने के निर्देश दिए। जीएस मेडिकल कॉलेज में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के लिए स्टाफ की तैनाती के लिए शासन को रिमाइंडर भेजने की बात भी उन्होंने कही। बता दें कि मेडिकल कॉलेज में एनटीईपी के अंतर्गत एक मेडिकल ऑफिसर, एक टीबीएचबी और एक लैब टेक्नीशियन का पद स्वीकृत है। जनपद के सरस्वती मेडिकल कॉलेज और रामा मेडिकल कॉलेज में एनटीईपी स्टाफ तैनात भी है लेकिन जीएस मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में कोई तैनाती नहीं है।
बैठक में मौजूद जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने बताया – मेडिकल कॉलेज के पास उपलब्ध ट्रूनेट मशीन के लिए जिला क्षय रोग विभाग से चिप उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि मेडिकल कॉलेज में ट्रूनेट मशीन से जांच की सकें। चिप आवंटित कराने के लिए मेडिकल कॉलेज की ओर से जिला क्षय रोग विभाग को इंडेंट भेजा जाएगा। कोर कमेटी बैठक में विभागाध्यक्ष (सर्जरी) डा. मधुबाला गौड,, विभागाध्यक्ष (पैथोलॉजी) डा. सरनदीप पुरी, विभागाध्यक्ष (गायनी) डा. सुनीता सिंघल, विभागाध्यक्ष (माइक्रोबायोलॉजी) डा. रितु अग्रवाल, विभागाध्यक्ष (कम्युनिटी मेडिसिन) डा. नितिन कुमार, विभागाध्यक्ष (रेडियोलॉजी) डा. विजय कुलश्रेष्ठ और फिजीशियन डा. सौरभ कुमार मौजूद रहे।

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