अरुण गोविल बोले “संविधान चेंज करना प्रगति की निशानी”, अखिलेश ने लिया आड़े हाथ
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): भारतीय जनता पार्टी ने मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट से अरुण गोविल को चुनावीरण में उतारा है। अरुण गोविल पिछले कुछ दिनों से लगातार मीडिया में चर्चा में है। अरुण गोविल ने अब कहा है कि “संविधान को चेंज करना प्रगति की निशानी है। संविधान एक व्यक्ति की मर्ज़ी से चेंज नहीं होता, सर्वसम्मति से होता है। नरेंद्र मोदी ऐसे ही कुछ नहीं कहते, उसके पीछे अर्थ होता है।” जैसे ही अरुण गोविल ने संविधान से जुड़ा बयान दिया तो उसके बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें आड़े हाथों ले लिया। अखिलेश ने सोशल मीडिया एक्स पर अरुण गोविल के उस बयान से जुड़े कुछ अंश साझा किए हैं। आपको बताते चलें कि अरुण गोविल ने यह बयान अंबेडकर जयंती पर मेरठ में मीडिया से बातचीत करते हुए दिया था।
अखिलेश ने ट्वीट कर कहा, “जो लोग संविधान में प्रगतिशील संशोधन करने और मूलभूत बदलाव करने के बीच का अंतर नहीं समझते उन्हें टिकट देकर भाजपा ने भारी भूल की है, लेकिन फिर भी इससे ज़्यादा फ़र्क़ नहीं पड़ेगा क्योंकि जनता ने हर भाजपा प्रत्याशी को हराने का फ़ैसला पहले ही कर लिया है।
दरअसल भाजपा संविधान को पलटकर ग़रीबों, वचितों, शोषितों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के हक़-अधिकार व आरक्षण मारकर और पूंजीपतियों के हक़ में नीति-योजना बनाकर, सारा फ़ायदा-मुनाफ़ा अपने खेमे के कुछ गिने-चुने खरबपतियों को दे देना चाहती है। जो चुनावी-चंदे के नाम पर अपने बेशुमार फ़ायदे का हिस्सा भाजपाइयों को दे देते हैं। सही मायनों में ये जनता से वसूली का तरीक़ा है क्योंकि कोई भी पूंजीपति अपनी जेब से नहीं देता है, वो तो जनता से ही वसूलकर भाजपाइयों के दल और उनका व्यक्तिगत ख़ज़ाना भरता है।
इसीलिए अपने वर्तमान और भविष्य को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश और देश की जनता, इस बार बहकावे में नहीं आनेवाली और भाजपा को हराकर और हटाकर ही दम लेगी।
भाजपा हराओ, संविधान बचाओ!”