हापुड़, सीमन (ehapurnews.com) : जनपद में सक्रिय रोगी खोज (एसीएफ) अभियान के तहत चार दिनों में स्वास्थ्य विभाग की टीम करीब करीब एक लाख, 18 हजार लोगों की स्क्रीनिंग कर चुकी है। स्क्रीनिंग के दौरान अब तक कुल 280 लोगों में टीबी के लक्षण मिले हैं। इन सभी की जांच कराने पर कुल 22 लोगों के क्षय रोग की पुष्टि हुई है। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने बताया- अभियान के दौरान ढूंढे गए सभी 22 टीबी रोगियों का उपचार शुरू कर दिया गया है। अभियान में कुल तीन लाख, 30 हजार लोगों की स्क्रीनिंग करने का लक्ष्य है।
डीटीओ ने बताया स्क्रीनिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग की 105 टीमें घर-घर जाकर टीबी के लक्षणों के बारे में विस्तार से बताने के साथ ही यह जानकारी कर रही हैं कि परिवार के किसी सदस्य में इस प्रकार के लक्षण तो नहीं हैं। अभियान नौ मार्च को शुरू हुआ था। पहले चार दिन में विभाग की टीमों ने कुल एक लाख, 18 हजार से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग पूरी कर ली है। विभाग का प्रयास अधिक से अधिक क्षय रोगियों को ढूंढ निकालने का है ताकि उनका जल्दी से उपचार शुरू हो सके और टीबी संक्रमण की चेन को ब्रेक किया जा सके। एसीएफ का उद्देश्य से अधिक से अधिक रोगियों को खोजकर उनका उपचार शुरू करना है।
जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने बताया- फेफड़ों की टीबी संक्रामक होती है। टीबी के मरीज की पहचान और उपचार समय से शुरू न हो पाने के कारण वह सांस के जरिए टीबी के जीवाणु संपर्क में आने लोगों को अपनी चपेट में ले लेते हैं और यही कारण है कि संक्रमण की चेन नहीं टूट पाती। विभाग एसीएफ के जरिए अधिक से अधिक क्षय रोगियों को ढूंढकर उनका उपचार शुरू करता है। उपचार शुरू होने के बाद टीबी का संक्रमण फैलने की आशंका काफी कम हो जाती है। 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने के लिए संक्रमण की चेन तोड़ना जरूरी है और यह अधिक से अधिक रोगियों को खोजकर उपचार शुरू करने के बाद ही संभव है।
Holi पर अमृत डायग्नोस्टिक सैंटर ने निकाले जांच के लिए विशेष पैकेज 7817982711
