श्रावक को श्रावकाचार दर्पण देखकर उसके अनुसार कार्य करना चाहिए
हापुड, सीमन/सुरेश जैन (Ehapurnews.com): दिगम्बर जैन मुनि 108 आचार्य नमोस्तु सागर जी महाराज ने रविवार को प्रातःकाल आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर कसेरठ बाजार पर जैन भक्तो को प्रवचन देते हुए कहा कि श्रावक को भरत चक्रवर्ती के जीवन से प्रेरित होकर श्रावकचार दर्पण देखकर कर उसके अनुसार कार्य करने चाहिए। भरत चक्रवर्ती के पास 6 खंड का राज्य, 96 हजार रानिया, 365 रसोइये, 32हजार संगीत, नाटयशालाये,84 लाख हाथी, 18 करोड घोड़े, 9 रत्न, 16 निधिया जैसी अपार भौतिक सुख सुविधांए थी फिर भी उन्होंने देवशासत्र गुरू की भक्ति को अपनाकर अपना आत्म कल्याण किया। हमे उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।हमे उत्तम कुल,उत्तम धर्म तथा उत्तम परिणाम मिले हैं।हमे अपनी आत्मा को गुरू से जोड़कर रखना है, मन ही दुख:-सुख की अनुभूति कराता है, गुरू आत्मा को परमात्मा का मार्ग देता है।अध्यक्ष अनिल जैन ने बताया कि महाराज जी का कल सोमवार को भी प्रातःकाल 8.3o बजे से प्रवचन आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर कसेरठ बाजार मे ही होगा। महाराज जी की आहार चर्या संरक्षक सदस्य सुधीर जैन के आवास पर हुई। गुरू भक्त सुधीर जैन टप्पू, इन्जीनियर सतीश कुमार जैन, सुधीर जैन टपिया,सुशील जैन सुरेश चन्द जैन ,सुधीर जैन कसेरे पुलकित जैन, सुनील जैन, राजीव जैन, विनोद जैन, तुषार जैन, रेणुका जैन, प्रगति जैन, मंजू जैन, मगन जैन, कोषाध्यक्ष सुखमाल जैन, राजेश जैन, अर्चित जैन, संदीप जैन,राकेश जैन सहित अनेक भक्त उपस्थित थे।
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