
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): जनपद हापुड़ के पिलखुवा कोतवाली पुलिस ने फर्जी कंपनी बनाकर 10.64 करोड़ का चूना लगाने के मामले में चार के खिलाफ अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए हैं। शादाब मलिक, फरमान, शहजाद और कपिल शर्मा के खिलाफ अलग-अलग मुकदमे दर्ज हुए हैं। बताया जा रहा है कि फर्जी पता, कागजों में खरीद-बिक्री कर सरकार को चूना लगाया गया जिसकी जांच हुई। जांच में यह कार्रवाई की गई है।
शादाब मलिक ने 9 सितंबर 2017 को पिलखुवा के केएमएस स्कूल रोड पर किंग इंटरप्राइजेज का जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराया। बिजली का बिल लगाकर सभी को चकमा दे दिया। 2020 में हुई जांच में पता चला कि ना दुकान है और ना कोई सामान। सिर्फ कागजों में यह खेल खेला जा रहा था। कुल 43.65 लाख रुपए का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट टैक्स का फायदा उठाया।
मोहल्ला मंडी रेलवे रोड के कपिल शर्मा ने 1 जुलाई 2017 को ईशांत स्टील का रजिस्ट्रेशन लिया। जांच में दुकान हमेशा बंद मिली। आसपास मौजूद लोगों ने बताया कि यहां कोई आता जाता नहीं है। कागजों में खरीद बिक्री दिखाई और 2017-18 में हुआ 2.63 करोड रुपए का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया।
गढ़ी मोहल्ले के फरमान ने भी 1 जुलाई 2017 को एसएफ ट्रेडर्स रजिस्टर्ड कराई। मेरठ के कंपनी से कागजों में माल खरीदा दिखाया गया। आरोप है कि 48.82 लाख रुपए का फर्जी आईटीसी क्लेम लिया।
केएमएस पिलखुवा के शहजाद ने 3 वर्ष में 7.03 करोड़ से ज्यादा का फर्जीवाड़ा किया है। बोगस फर्मों से कागजों में माल की खरीद बिक्री कर आईटीसी का लाभ लिया जा रहा था। मामले में कार्रवाई कर चारों कंपनियों पर मुकदमा दर्ज कराया है। सहायक आयुक्त जयप्रकाश ने मामले में जांच की जिसमें सभी फर्जी निकलें।
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