
“अप्रैल 1995 से मार्च 2024 तक बिजली घोटाले में किसानों के साथ हुआ अन्याय”: एकलव्य
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): भारतीय किसान यूनियन टिकैत के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रदेश युवाध्यक्ष एकलव्य सिंह सहारा के नेतृत्व में किसान नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को अधिकारियों से मिला और अप्रैल 1995 से मार्च 2004 तक के बिजली घोटाले में किसान के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। एकलव्य सिंह सहारा ने कहा कि अप्रैल 1995 से मार्च 2004 तक हुए बिजली घोटाले में सर्वाधिक लापरवाही एवं भ्रष्टाचार स्वयं बिजली विभाग के कुछ अधिकारियों द्वारा किया गया था। उस अवधि में नलकूप उपभोक्ताओं के बिलों में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ तथा अनेक अभिलेखों को या तो नष्ट कर दिया गया या जानबूझकर गायब कर दिया गया। अब लगभग 30 वर्ष पश्चात विभाग द्वारा जारी नवीन आदेश किसानों के साथ अन्याय की पराकाष्ठा है। जब प्रदेश सरकार किसानों की बिजली माफ़ करने का दावा कर रही है, तब इस प्रकार का फरमान जारी करना किसानों को गुमराह कर उनके विरुद्ध रिकवरी कार्रवाई की तैयारी जैसा प्रतीत होता है – जिसका किसान संगठन ने पूर्ण रूप से विरोध किया।
एकलव्य ने कहा कि विशेष आपत्ति बिंदु संख्या 5 पर दर्ज की गई, जिसमें उल्लेख है – “प्रार्थना पत्र के साथ उपभोक्ता को शपथपत्र की भौतिक प्रति कार्यालय में जमा करनी होगी और यदि प्रस्तुत रसीद या विवरण गलत पाए जाते हैं, तो उस धनराशि को पुनः विद्युत देयों में जोड़ा जा सकता है।” इस दौरान डॉ. मतलूब, विनय बाना, शोकीन प्रधान, डॉ. फरहीम चौधरी, सूरजवीर सिंह, शेखर चौधरी तथा अन्य क्षेत्रीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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