Thursday, December 12, 2024
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निक्षय पोर्टल का ब्लॉक वार प्रशिक्षण संपन्न










निक्षय पोर्टल का ब्लॉक वार प्रशिक्षण संपन्न

सोमवार को सिंभावली ब्लॉक का हुआ प्रशिक्षण प्रशिक्षण में निक्षय पोर्टल के बारे में तकनीकि जानकारी दी गई

हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): हापुड़, 13 मई, 2024। जनपद में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) का निक्षय पोर्टल प्रशिक्षण सोमवार को संपन्न हो गया। संयुक्त जिला चिकित्सालय सभागार में सीएचओ प्रशिक्षण का आयोजन ब्लॉक वार किया गया। सोमवार को सिंभावली ब्लॉक की बारी थी। प्रशिक्षण सत्र में सिंभावली ब्लॉक में तैनात 37 सीएचओ के द्वारा प्रतिभाग किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी के कुशल निर्देशन और जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह की अध्यक्षता में सहायक ट्रेनर जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) दीपक शर्मा ने प्रशिक्षण दिया और डेटा एंट्री ऑपरेटर सलोनी जिंदल ने निक्षय पोर्टल के बारे में तकनीकि जानकारी उपलब्ध कराई। प्रशिक्षण के दौरान जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने क्षय रोगियों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी दी गई और जरूरी सहयोग की अपील की गई। बता दें कि 2 और 3 मई को क्रमशः हापुड़ और धौलाना ब्लॉक और 8 मई को गढ़ मुक्तेश्वर ब्लॉक में तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया था।
डीटीओ डा. राजेश सिंह ने प्रशिक्षण के दौरान बताया कि टीबी स्क्रीनिंग बढ़ाने के लिए सभी सीएचओ अपनी ओपीडी से रेफरल बढ़ाने का प्रयास करें। ज्यादा जांच होने से क्षय रोगियों की जल्दी पहचान करने में मदद मिलेगी और यही बात टीबी उन्मूलन का मूल मंत्र साबित होगी। उन्होंने बताया निक्षय आईडी बनाकर ही संभावित रोगी की जांच करानी है। सामान्य दिवसों पर ओपीडी के पांच प्रतिशत और एकीकृत निक्षय दिवस पर 10 प्रतिशत रोगियों को लक्षण के आधार पर टीबी जांच के लिए रेफर करना है। उन्होंने कहा -टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में आयुष्मान आरोग्य मंदिर शामिल किए जाने के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) की भूमिका मुख्य हो गई है।

डीटीओ ने बताया – टीबी की पुष्टि होने पर उपचार शुरू करने के साथ ही रोगी की बैंक डिटेल पोर्टल पर अपलोड करनी है ताकि उसे निक्षय पोषण योजना का लाभ मिलना शुरू हो सके और साथ ही उसके सभी परिवारिजनों की टीबी जांच करानी है। घर घर के सभी सदस्यों को टीबी प्रीवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) देनी है, साथ ही रोगी की कोमॉर्बिडिटी का पता लगाने के लिए शुगर और एचआईवी जांच करानी है।

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