सबसे बड़े जीएसटी टैक्स चोर हैं प्रोपर्टी के धंधेबाज
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): हापुड़ के कालेधन को सफेद करने का माध्यम बना है, प्रोपर्टी में निवेश करना। इस धंधे को आगे बढ़ाने में सहयोग कर रहे है बिचौलिए, जिन्हें प्रोपर्टी डीलर कहते है, यानि कि प्रोपर्टी की खरीद-बेच करने वाले को वे एक तरह से सर्विस देते है। सेवा प्रदाता पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू है, परंतु हापुड़ में एक भी प्रोपर्टी डीलर जीएसटी अदायगी के नाम पर एक फूटी कोड़ी भी सरकार को नहीं देता है।
जनपद हापुड़ के शहरी व ग्रामीण इलाकों में अवैध कालोनियों का धंधा तेजी से बढ़ रहा है और पाश कालोनियों में प्लाट व भवनों की खरीद-बेच बढ़ रही है। पूरे जनपद हापुड़ में हजारों प्रोपर्टी डीलर सक्रिय है, जो जगह-जगह आफिस खोल कर बैठे है और सोशल मीडिया पर अपना खूब प्रचार कर रहे है। ये धंधेबाज सारे दिन बाइक, स्कूटर व कार में दौड़ते रहते है। सेवा प्रदाताओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू है, परंतु एक भी प्रोपर्टी डीलर जीएसटी विभाग में पंजीकृत नहीं है।
उत्तर प्रदेश सरकार को प्रोपर्टी डीलरों के विरुद्ध अभियान चला कर जीएसटी वसूलना चाहिए ताकि राजस्व में बढौत्तरी हो सके।
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