हापुड़ में हाथी की हुकुमत, चुनौतियों भरी
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): नगर पालिक परिषद हापुड़ के चेयरमैन पद पर बसपा प्रत्याशी पुष्पा देवी ने दस साल बाद भाजपा से सीट छीन कर बसपा की गोदी में डाली है। अब 5 वर्ष हापुड़ में हाथी की हुकुमत चलेगी। यह बसपा का दलित-मुस्लिम दांव नहीं है, बल्कि भाजपा की कार्यप्रणाली का नतीजा है जिससे खफा स्वर्ण वैश्य व ब्राह्मण मतदाताओं ने हाथी पर वोट डाला और वे हापुड़ के भाजपा संगठन के नेताओं को सबक सीखाने में कामयाब रहे। अब एक सप्ताह में बसपा के हाथी की हुकुमत शुरु हो जाएगी। बसपा चेयरमैन पुष्पा के सामने अनेक चुनौतियां हैं जिनका मुकाबला उन्हें करना होगा। क्या हैं नए चेयरमैन के सामने चुनौतियां, जान लेते हैं-
नगर पालिका हापुड़ की ओर ठेकेदारों, सामान सप्लायर्स, आदि का करीब 30-32 करोड़ का बकाया है। इस देनदारी का भुगतान करना एक बड़ी चुनौती है। चेयरमैन को भुगतान से पहले बिलों का सत्यापन करा लेना चाहिए, अन्यथा मुसीबत खड़ी हो सकती है। फर्जी बिलों की सम्भावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
नगर पालिका अधिनियम में व्यवस्था है कि नगर पालिका के विज्ञापन राज्य स्तरीय व राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों में प्रकाशित किए जाने चाहिए। जिला स्तरीय व क्षेत्रीय स्तर के समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित नहीं होने चाहिए। यदि गोपनीयता के चक्कर में नियम विरुद्ध विज्ञापन प्रकाशित होते हैं तो वे मुसीबत खड़ी कर देने वाले साबित हो सकते है।
अवैध कालोनियों में बिना मानचित्र स्वीकृत कराए बनाए गए मकानों में रह रहे लोगों को खड़ंजा, नाली, निर्माम, पेयजल, बिजली, सफाई आदि सुविधाएं उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती होगी। जलकर, गृहकर, सीवर कर आदि भी लोगों की समस्याएं है। परिषद की होने वाली बोर्ड बैठक आदि हंगामा रहित सम्पन्न हो जाए तो हाथी स्वयं को सौभाग्यशाली समझेगा।