हापुड़,सीमन(ehapurnews.com ):भारत विकास परिषद हापुड़ संस्कार के तत्वावधान में हिंदी दिवस के अवसर पर एक ऑन लाइन कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।अध्यक्षता डा. प्रेमलता तिवारी ने की तथा मंच संचालन प्रख्यात कवि डा. अनिल बाजपेई ने किया।
मुख्य अतिथि प्रांतीय उपाध्यक्ष इंदु वार्ष्णेय एवम् विशिष्ट अतिथि प्रांतीय महिला संयोजिका रेनू बंसल ने कहा कि हिंदी दिल को छूने वाली भाषा है।हिंदी हमारे हृदय में रची बसी है।
अध्यक्ष प्रेमलता तिवारी एवम् अलका गर्ग ने कहा कि हिंदी जन जन की भाषा के साथ साथ अत्यंत लोकप्रिय भाषा है।
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ललित गोयल एवम् अर्चना कंसल ने कहा कि हमें हिंदी को बढ़ावा देने का पूर्ण सहयोग करने के लिए तत्पर रहना चाहिए।
वंदना गुप्ता एवम् आशा गर्ग ने ज्यादा से ज्यादा कार्य हिंदी में करने के सुझाव दिए। मुकेश माहेश्वरी ने हिंदी को जनमानस की भाषा बताया। डा आराधना बाजपेई ने नारी सशक्तिकरण पर विचार व्यक्त करते हुए कहा ‘ नारी की अस्मिता , पावन नहीं प्रमोद!
शर शैया भीषम मिली,मिली जटायू गोद!!
गरिमा आर्य ने पढ़ा –
‘हम भारत देश के वासी हैं
हिंदी हमारी भाषा है
जो पतन हुआ है भारत का
हिंदी ही बची एक आशा है’!
डा अनिल बाजपेई ने संचालन करते हुए पढ़ा –
हिंदी हमारी आन है बान है शान है।
हमारा गौरव है स्वाभिमान है।
हिंदी हमारा मान है सम्मान है ।
हिंदी केवल भाषा नहीं है,ये पूरा हिंदुस्तान है।
डा नरेश सागर ने पढ़ा,
भूख की बात करके वो,रोटीयां छीन लेते हैं।
वो अपनी हार के डर से, गोटियां छीन लेते हैं।।
डा राम गोपाल भारतीय ने पढ़ा , रोज फोन पर सारे घर की खोज खबर लेती हो,अपनी भी तो बताओ बिटिया तुम कैसी हो।
देवेन्द्र देव मिर्जा पूरी ने पढ़ा
प्रणाम जी आदरणीय,
अंग्रेजी भाषा वालो
अंग्रेजी ही सिरमौर नहीं
मेरी हिंदी भाषा से
बढ़कर तो कोई और नहीं।।
डा पुष्पा गर्ग ने पढ़ा –
हिंदी भावों और विचारों का सार है,
हिंदी स्वर और व्यंजनों का आधार है।
हिंदी लोगों के मध्य संवाद की भाषा है,
पर हिंदी हिंदुस्तान का स्वाभिमान औ प्यार है।।
चन्द्र शेखर मयूर ने पढ़ा,
अपनी मुस्कान से खुश्बू बिखेर देती है l
हमारे चेहरों पे खुशियाँ उकेर देती है l
चाँद सूरज भी हमें घर में नज़र आते हैं
दीप ममता का माँ जब भी उजेर देती है l
डा पूनम ग्रोवर ने पढ़ा अपने होठों पे मुस्कान सजाए रखिए।
तरुण ने भी काव्यपाठ करके लोगो की तालियां अर्जित की।
कवि सम्मेलन के अंत में डा आराधना बाजपेई ने सभी का आभार व्यक्त किया।
