हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): “हाउस स्पैरो” यानि गौरैया से हमारा बचपन का रिश्ता रहा है, मगर आज हमारे न तो घरों में और न ही दिलों में इस छोटी सी चिड़िया के लिए जगह है। जिसके परिणामस्वरूप आज यह एक लुप्त पक्षी की श्रेणी में आ गई है।
देश भर में बेशक गौरैया को बचाने के अनेक अभियान चल रहे हैं लेकिन उसका असर शून्य के बराबर है।फिर भी कोशिश करते रहना हमारा कार्य है और इसी के फलस्वरूप डॉ. रेणु एवं उनके पति ठा.दिनेश सिंह ने कुछ माह पहले से एक अनोखी पहल की।गौरैया के लिए स्वयं के प्रयास से लकड़ी के कृत्रिम घर तैयार कराए उन पर सुंदर पेंट किया और फिर शुरुआत की उन्हें घरों में लगाने की।उन्होंने न केवल स्वयं यह कार्य किया बल्कि अपने पड़ोसियों और बंधुओ को भी इस कार्य के लिए प्रेरित किया।डॉ. रेणु ने अपने प्राथमिक विद्यालय नवादा में भी गौरैया के घर लगाए हैं।
खुशी की बात यह है कि यह अभियान अब सफल भी हो रहा है क्योंकि अब इनमें गौरैया आने भी लगी हैं।दिल को खुशी है कि अब हमारे दिलों में भी गौरैया होगी और आंगन में भी।इस अभियान में डॉ. रेणु एवं दिनेश सिंह के साथ उनके पड़ोसी श्रीमती प्रीति यादव,सीमा अरोड़ा,रूपांजल,चारु एवं तान्या आदि भी बढ़-चढ़ कर साथ दे रहे हैं और अन्य लोगों को भी इस कार्य के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
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