पापड़ नगरी का नाम पड़ा जाम नगर

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हापुड़, सीमन: गत कई दशक से हापुड़ को जाम का झटका झेलना पड़ रहा है। लाख कोशिशों के बाद भी स्थिति ज्यों की त्यों बनी है और वाहन चालकों को काफी देर जाम में रेंगना पड़ता है। नागरिकों ने हापुड़ का नाम जाम नगर रख दिया है।
       करीब चार दशक पहले यह आवाज उठी थी कि हापुड़ बाई पास का निर्माण कर हापुड़ को जाम से मुक्ति दिलाई जाए। प्रदेश में तत्कालीन भाजपा सरकार ने लोगों की आवाज को सुना और बाईपास का निर्माण कराया, जब तक बाईपास बनकर तैयार हुआ तब तक वाहनों की संख्या में कई गुना वृद्धि हो गई और समस्या खड़ी रह गई।
      अब जब भी जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अफसरों व नागरिकों के मध्य कोई भी बैठक होती है,तब एक ही मुद्दा नजर आता है कि हापुड़ को जाम से कैसे मुक्ति दिलाई जाए। सड़क सुरक्षा अभियान भी बेकार साबित होता है। हापुड़ जनपद बनने के बाद यह स्थिति और बदतर हुई है। हापुड़ के पक्का बाग, अतरपुरा चौपला, तहसील व मेरठ तिराहा पर पुलिस, होमगार्डस व टै्रफिक पुलिस पर्याप्त संख्या में तैनात की गई और दिन में भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है, फिर भी यातायात अवरुद्ध होना दिन निकलते ही शुरु हो जाता है और एम्बुलैंस आदि भी फंस जाते है।
      रायजादा रामगोपाल धर्मार्थ समिति हापुड़ द्वारा कराए गए एक सर्वे से यह उजागर हुआ है कि हापुड़ में टै्रफिक जाम होने का मुख्य कारण यह है कि सड़कों पर यातायात नियमों का उल्लंघन करके दौड़ रही करीब दो सौ टै्रक्टर ट्रालियां है, जो ओवर लोड चलती हैं और इनके चालक नौसीखिए है जिस कारण सड़क हादसे भी बढ़ रहे हंै। टै्रक्टर ट्राली चालक टै्रफिक नियमों का उल्लंघन खुलेआम करते हंै। इसके अलावा ई-रिक्शा, हाथ ठेली आदि भी अवरोध पैदा कर रहे हंै। इन वाहनों लम्बे-लम्बे लोहे के सरिए, पाइप, बांस, बल्ली लदे होते हंै। नौ एंट्री के वक्त भारी वाहनों का प्रवेश भी यातायात में अवरोध पैदा करता है। नगर के खास चौराहे अतिक्रमण से घिरे हैं जिस कारण पैदा निकलना भी दूरभर हो रहा है। अतिक्रमणकारियों ने फुटपाथ पर भी अतिक्रमण किया हुआ है जिस कारण राहगीरों का पैदल चलना भी मुश्किल बना है।
       नागरिकों का कहना है कि चौराहों को अतिक्रमण मुक्त किया जाए। टै्रफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों की सीज कर जुर्माना वसूला जाए। नगर में वाहनों की गति पर अंकुश लगे। टै्रफिक पुलिस अवैध वसूली बंद करे। तहसील चौपला व मेरठ तिराहा पर फ्लाई ओवर का निर्माण किया जाए। डग्गामार वाहनों के संचालन को पूरी तरह रोका जाए।





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